दुनियां में कोई भी ऐसा देश नहीं है, जहां भारत की तरह फिल्में बनाई जाती हैं- कैमरन बैली
टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (टीआईएफएफ) के कलात्मक निदेशक एवं सह-प्रमुख कैमरन बैली ने कहा कि भारतीय सिनेमा और टीआईएफएफ के बीच अत्यंत मजबूत जुड़ाव है। उन्होंने भारतीय सिनेमा की व्यापक पहुंच पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसका दायरा निश्चित तौर पर बॉलीवुड से कहीं अधिक है।
उन्होंने विभिन्न शैलियों, भाषाओं एवं क्षेत्रीय परिवेश से भारतीय सिनेमा के और अधिक समृद्ध होने का उल्लेख किया, जो भारत में बड़े पैमाने पर बनने वाली कॉमेडी, संगीत, एनिमेशन के साथ-साथ फिल्मों की अन्य विधाओं में परिलक्षित होता है।
उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया में कोई भी ऐसा देश नहीं है, जहां भारत की तरह फिल्में बनाई जाती हैं। कैमरन ने यह बात टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (टीआईएफएफ) 2019 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की भागीदारी के दौरान मंत्रालय द्वारा आयोजित 'इंडिया ब्रेकफास्ट-नेटवर्किंग सेशन' में कही।
इस सत्र में जाने-माने महोत्सव प्रमुख, अंतरराष्ट्रीय फिल्म एसोसिएशन, फिल्म एजेंसियों और विभिन्न प्रोडेक्शन हाउस के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। सभी हितधारकों ने भारत के साथ कारोबार करने में काफी रुचि दिखाई।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने प्रतिभागियों को भारत में फिल्म निर्माण से जुड़ी अनुकूल नीतिगत पहलों एवं रूपरेखा के साथ-साथ फिल्म सुविधा कार्यालय में एकल खिड़की व्यवस्था के जरिए शूटिंग के लिए मंजूरी प्राप्त करने की प्रक्रिया से भी अवगत कराया।
प्रतिनिधिमंडल ने आईएफएफआई के स्वर्ण जयंती संस्करण के लिए सहयोग एवं साझेदारी की संभावनाएं तलाशी और इस वर्ष गोवा में होने वाले समारोह का हिस्सा बनने के लिए अंतर्राष्ट्रीय फिल्म जगत को आमंत्रित किया।
गौरतलब है कि वैश्विक स्तर पर भारत को 'फिल्में बनाने के ऑल-इन–वन गंतव्य' के रूप में पेश किया जा रहा है, जिसके तहत कनाडा सरकार को फिल्मों के सह-निर्माण को बढ़ावा देने के लिए फिल्म निर्माताओं के बीच सामंजस्य सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों से अवगत कराया गया।