11 नवंबर 2019 को होगा ‘एनसीआर-2041’ सम्मेलन का आयोजन
गौरतलब है कि वर्ष 2021 को मद्देनजर रखते हुए क्षेत्रीय योजना को 17 सितम्बर, 2005 में अधिसूचित किया गया था और यह इस समय लागू है। अब वर्ष 2041 को मद्देनजर रखते हुए अगली क्षेत्रीय योजना तैयार किये जाने की आवश्यकता है। क्षेत्रीय योजना में यातायात, जल, सीवर, ठोस अपशिष्ट, बिजली, भू-उपयोग इत्यादि विभिन्न मुद्दों पर गौर किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली 2028 तक टोक्यो को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे बड़ा महानगर बन जाएगा।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का रकबा लगभग 55,083 वर्ग किलोमीटर है और इसकी आबादी लगभग 6 करोड़ है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अंतर्गत निम्नलिखिच क्षेत्र आते हैं–
- पूरा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली,
- हरियाणा के उप-क्षेत्रों में गुरुग्राम, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, रेवाड़ी, झज्जर, मेवात, पलवल, पानीपत, महेंद्रगढ़, जींद, करनाल, भिवानी और चरखी दादरी,
- राजस्थान के उप-क्षेत्रों में अलवर और भरतपुर जिले
- उत्तर प्रदेश के उप-क्षेत्रों में गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ, बुलंदशहर, बागपत, हापुड़, मुजफ्फरनगर और शामली
1985 में संसद में इन क्षेत्रों के विकास के लिए कानून पारित करके राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड (एनसीआरपीबी) का गठन किया था, जो आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के अधीन है। एनसीआरपीबी का दायित्व है कि अंधाधुंध विकास पर रोक लगाने के लिए उपरोक्त क्षेत्र में अवसंरचना के विकास तथा जमीन के इस्तेमाल पर नियंत्रण के विषय में उचित नीति तैयार करे।