ठंड में रखें दिल का खास ख्याल
जैसे-जैसे ठंड अपने होने का अहसास कर रही है, वैसे ही कुछ खास बातें हैं, जिनपर हमें विशेष ध्यान देने की जरूरत है। किसी भी व्यक्ति का स्वास्थ्य सबसे पहले आता है, क्योंकि जान है तो जहान है। ठंड के दिनों में सबसे अधिक दिल के देखभाल की जरूरत होती है, क्योंकि यह सबसे जल्दी प्रभावित होता है। हार्ट अटैक का खतरा सबसे ज्यादा इन्हीं दिनों में होता है।
दरअसल हार्ट में खून की नलियों की मसल्स में तीन सतह होती है। बाहरी, मध्य और भीतरी। ठंड के दिनों में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है, क्योकि ठंड के दिनों में बीच की मसल्स सिकुड़ती है। इससे हार्ट में खून की सप्लाई और कम हो जाती है, और मरीज को दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिये जरूरी है कि विशेषज्ञों द्वारा दिये गये सलाह पर अमल किये जाए। व्यायाम जरूर करें, जिससे शरीर का रक्त संचालन सही रहे।
अगर किसी व्यक्ति को अटैक आता है तो दूसरा व्यक्ति कैसे उसके लक्षण को पहचान कर तुरंत पीड़ित को प्राथमिक उपचार मुहैया करे जिससे उसकी जान बचाई जा सके, इसके लिये निम्नलिखित जानकारी जरूरी है।
- व्यक्ति की छाती में दर्द या सीने में ऐंठन होना
- व्यक्ति के हाथों, कंधों, जबड़ों, आदि में दर्द होना या उल्टी आना
- व्यक्ति को पसीना, चक्कर आना, सांस फूलना, नींद न आना उसके लक्षण हो सकते हैं।
- व्यक्ति को थकान व कमजोरी महसूस होना।
उपरोक्त स्थिति होने पर क्या करना है
- ऐसी स्थिति में डॉक्टर की दवा या एस्प्रिन की एक गोली चबाकर निगल लें या पानी के साथ लें।
- मरीज को सांस लेने में तकलीफ हो तो उसे उसी समय अपने मुँह से सांस दें।
- उसके बेहोश होने पर 10 मिनट के अंदर उसके सीने को दबाएं।
- सीने में दर्द होने पर मरीज की छाती पर हाथ रखकर पंपिंग करते हुए दबाएं
- इस तरह की स्थिति बनते ही डॉक्टर को तुरंत बुलाएं।
सारे उपरोक्त सलाह हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. जेपीएस साहनी द्वारा दिये गये हैं।