ट्राइब्स इंडिया की मुख्य डिजाइन सलाहकार के रूप में ट्राइफेड के साथ फैशन डिजाइनर रितु बेरी की हुई भागीदारी


देश भर के जनजातीय लोगों को उद्यमी बनाकर अधिकारसम्‍पन्‍न बनाने के उद्देश्‍य से जनजातीय कार्य मंत्रालय के अंतर्गत ट्राइफेड द्वारा संचालित राष्‍ट्रीय कार्यक्रम 'प्रधानमंत्री वन धन योजना (पीएमवीडीवाई) के 100 दिन' पूरे होने पर ट्राइफेड के प्रबंध निदेशक  प्रवीर कृष्‍ण ने ट्राइफेड द्वारा आयोजित किए गए एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए  कहा कि पीएमवीडीवाई बाजार से जुड़ा जनजातीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्‍य जनजातीय स्‍व सहायता समूहों के क्‍लस्‍टरों की स्‍थापना करना और उन्‍हें जनजातीय निर्माता कम्‍पनियों के रूप में मजबूती प्रदान करना है।

इसे देश के 27 राज्यों की भागीदारी के साथ प्रारंभ किया गया है। 27 अगस्त 2019 को वन धन कार्यक्रम को मंजूरी की शुरुआत के बाद की अल्‍पावधि में ही 24 राज्यों से 799 वन धन विकास केंद्र (वीडीवीके) स्थापित करने के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं ट्राइफेड ने 99.81 करोड़ रुपये की स्वीकृत धनराशि के लिए 18 राज्यों में 2,00,740 लाभार्थियों को कवर करने वाले 676 वीडीवीके को मंजूरी दी है।

गौरतलब है कि 'पीएमवीडीवाई के 100 दिन' पूरे होने का जश्‍न मनाने और ग्‍लोबल डिजाइनर ऋतु बेरी के साथ ट्राइफेड का संबंध स्‍थापित करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें सांसद  मीनाक्षी लेखी और ग्लोबल फैशन डिजाइनर ऋतु बेरी शामिल हुई।

7 दिसंबर 2019 को आयोजित इस कार्यक्रम में  ट्राइब्स इंडिया का  ऋतु बेरी के साथ संबंध के बारे में घोषणा की गई। देश में जनजातीय शिल्प और संस्कृति के सबसे बड़े प्रवर्तक के साथ देश की सबसे बेहतरीन डिजाइनरों में से एक की साझेदारी में अपार संभावनाएं हैं।

ट्राइब्स इंडिया की मुख्य डिजाइन सलाहकार के रूप में ट्राइफेड के साथ भागीदारी करके बेरी फैशन की दुनिया में अपने प्रदर्शन और सुस्थापित विशेषज्ञता के बल पर ट्राइब्स इंडिया को घर-घर में लोकप्रिय बनाने में मदद करेंगी।


दुनिया भर में विभिन्न देशों के साथ काम करने के अपने अनुभव के कारण  बेरी इस बात से बखूबी अवगत हैं कि किसी क्षेत्र की संस्कृति के मुताबिक कैसे ढला जाता है और स्थानीय लोगों के दिलों को कैसे छूआ जाता है। फैशन की बेह‍तरीन समझ से युक्‍त उनका यह विशेष कौशल ट्राइब्स इंडिया को ऐसे स्तर तक ले जाएगा, जहां समूचे भारत और दुनिया भर के लोग शानदार जनजातीय संस्कृति और कला शैलियों के साथ अधिक जुड़ाव महसूस करेंगे।


इस अवसर पर बेरी ने ट्राइब्स इंडिया के साथ मिलकर तथा 1,50,000 से अधिक जनजातीय कारीगरों द्वारा दस्तकारी किए गए विश्व स्तरीय उत्पादों के लिए  दुनिया भर में पहचान स्थापित करने की दिशा में कार्य करने का उत्साह व्यक्त किया।


दरअसल, हर राज्य अपने वीडीवीके से 2 डेमो यूनिट स्थापित करेगा और वर्तमान में 11 राज्यों ने 21 डेमो इकाइयों की पहचान की है, जिनकी स्‍थापना दिसंबर 2019 तक हो जाएगी। ट्राइफेड ने मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों, प्रधान सचिवों, राज्य नोडल विभागों के प्रतिनिधियों, कार्यान्वयन एजेंसियों, परामर्श संगठनों, जनजातीय एसएचजी सदस्यों आदि की भागीदारी के साथ दो राष्ट्रीय स्तर की और 5 राज्य स्तरीय प्रचार कार्यशालाएं (एडवोकेसी वर्कशॉप्‍स) भी आयोजित की हैं।


इन कार्यशालाओं का आयोजन उन्हें वन धन कार्यक्रम के बारे में जागरूक करने और वीडीवीके की स्थापना के लिए राज्य वन धन योजना तैयार करने में सहायता प्रदान करने के लिए किया गया। ट्राइफेड पीएमवीडीवाई के तहत सभी गतिविधियों के आंकड़ों के संग्रहण, ट्रैकिंग और निगरानी के लिए एक मजबूत वेब-आधारित आईटी प्लेटफॉर्म और मोबाइल एप्लिकेशन भी विकसित कर रहा है।


ट्राइफेड अगले पांच वर्षों में प्रत्येक वर्ष 45 लाख जनजातीय परिवारों को कवर करने के लिए 3000 वीडीवीके की स्थापना करेगा और इस कार्यक्रम के तहत लगभग 2 करोड़ जनजातीय लाभार्थियों की मदद करने का लक्ष्य है। यह जनजातीय हस्तशिल्पों और जनजातीय हथकरघों के लिए बाजार विकसित करने के वास्‍ते 117 ट्राइब्स इंडिया आउटलेट्स के अपने नेटवर्क का लाभ उठाएगा और एमएफपी मूल्य वर्धित उत्पादों के विपणन के लिए एक राष्ट्रव्यापी खुदरा नेटवर्क विकसित करने के लिए अन्य विपणन कंपनियों के साथ संपर्क स्‍थापित करेगा।


ट्राइफेड ने जनजातीय संस्कृति, शिल्प, भोजन और वाणिज्य के माध्यम से वन धन कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए यूनिसेफ के साथ भी भागीदारी की है।



Popular posts from this blog

पर्यावरण और स्वच्छता के लिहाज से ऐतिहासिक रहा आस्था का कुंभ 2019

मुखिया बनते ही आन्ति सामाड ने पंचायत में सरकारी योजनाओं के लिये लगाया शिविर

झारखंड हमेशा से वीरों और शहीदों की भूमि रही है- हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री झारखंड