दिल्ली में शिक्षा को लेकर किए गए अध्ययन का लाभ उठा सकते हैं दूसरे राज्य : मनीष सिसोदिया
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के स्कूलों में दिल्ली के शिक्षा मॉडल को अपनाने का फैसला किया है। महाराष्ट्र सरकार ने नगर निगमों के तहत शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने वाले बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार के स्कूल मॉडल को अपनाने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने एक न्यूज पोर्टल की खबर को अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर करते हुए ट्वीट किया- दिल्ली के लोगों को बधाई। आपका शिक्षा मॉडल हर जगह लागू किया जा रहा है।
इस फैसले पर उप मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि मुझे खुशी है कि जिन राज्यों में पिछले दिनों नई सरकारें बनी। वहां दिल्ली के शिक्षा माॅडल को लेकर काफी जिज्ञासा है। वहां के मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री और अन्य पदाधिकारी दिलचस्पी ले रहे हैं। उनका कहना है कि दिल्ली के शिक्षा माॅडल को अगर अपना कर काम किया जाए, तो कैसे हो सकता है। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के शिक्षा माॅडल को बेहतर बताते हुए अपने राज्य में भी लागू करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि अगर वे दिल्ली के शिक्षा माॅडल में दिलचस्पी लेते हैं, तो दिल्ली सरकार की तरफ से उन्हें अभी और अगले पांच साल के लिए भी आश्वस्त करना चाहता हूं कि उन्हें शून्य से शुरूआत नहीं करनी पड़ेगी। दिल्ली में शिक्षा को लेकर जो स्टडी हुई है, उससे उन राज्यों को काफी फायदा मिलेगा।
वे दिल्ली के पांच साल के अनुभव से सीख कर बहुत अच्छा कर सकते हैं। आगे हम सब मिल कर इस पर काम कर सकते हैं। कई राज्यों ने दिल्ली के शिक्षा और स्वास्थ्य माॅडल को अपने राज्यों में लागू करने की इच्छा जताई है। किसी राज्य के साथ मिल कर काम करने की जरूरत पड़ेगी, तो हम देश में अच्छे सरकारी स्कूल माॅडल बनाने में पूरी मदद करेंगे। हम उनके साथ मिल कर काम करना चाहेंगे।
हम बार-बार यह कहते आए हैं कि देश में सरकारी स्कूल बंद होते जा रहे हैं। जब तक सरकारी स्कूलों को नहीं सुधारेंगे, देश के हर बच्चे को अच्छी शिक्षा की गारंटी नहीं दे सकते हैं। हम दिल्ली के शिक्षा माॅडल की बात करें, तो हमने पहले सरकारी स्कूलों की क्वालिटी को सुधारा है। फिर हमने बाकी चीजें पर काम किया है।
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि जब तक सरकारी स्कूल नहीं सुधरेंगे, तब तक देश के हर बच्चे को अच्छी शिक्षा की गारंटी नहीं दे सकते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि देश व शिक्षा के विकास के लिए व महाराष्ट्र सरकार व अन्य प्रदेश की सरकारों के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। ध्यान रहे कि पिछले दिनों झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी दिल्ली के शिक्षा माँडल की तारीफ की थी और उसे झारखंड में लागू होने की बात कही थी।